가사

काग़ज़ के दो पंख लेके उड़ा चला जाए रे जहाँ नहीं जाना था, ये वहीं चला, हाय रे उमर का ये ताना-बाना समझ ना पाए रे ज़ुबाँ पे जो मोह-माया, नमक लगाए रे के देखे ना, भाले ना, जाने ना, दाए रे দিশাহারা কেমন বোকা মনটা রে! काग़ज़ के दो पंख लेके उड़ा चला जाए रे जहाँ नहीं जाना था, ये वहीं चला, हाय रे उमर का ये ताना-बाना समझ ना पाए रे ज़ुबाँ पे जो मोह-माया, नमक लगाए रे के देखे ना, भाले ना, जाने ना, दाए रे দিশাহারা কেমন বোকা মনটা রে! फ़तह करे किलें सारे, भेद जाए दीवारें प्रेम कोई सेंध लागे अगर-मगर, बारी-बारी, जिया को यूँ उछाले जिया नहीं गेंद लागे माटी को ये चंदन सा माथे पे सजाए रे ज़ुबाँ पे जो मोह-माया, नमक लगाए रे के देखे ना, भाले ना, जाने ना, दाए रे দিশাহারা কেমন বোকা মনটা রে! ও, প্রাণ পাখি মোর উইড়া যায়... খাঁচা ভেঙে পিরিত বড়ো জ্বালা রে বড়ো জ্বালা রে ও, প্রাণ পাখি মোর উইড়া যায়... খাঁচা ভেঙে
Writer(s): Amitabh Bhattacharya Lyrics powered by www.musixmatch.com
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