가사

आगे-आगे चाहत चली पीछे-पीछे दिल चल पड़ा कैसे भला रोकूँ इसे? ये तो है दीवाना बड़ा बेख़ुदी जाने ना, कुछ कहा माने ना हर धड़कन कहे ये जादू है प्यार का आगे-आगे चाहत चली पीछे-पीछे दिल चल पड़ा दीवानगी का आलम ना पूछो कोई नशा छाया है हो, आवारगी का मौसम तो देखो खुशबू ये, जाँ, लाया है बेख़बर मस्ताना, दर्द से अनजाना ना कोई भी हल है इस बेक़रार का आगे-आगे चाहत चली पीछे-पीछे दिल चल पड़ा कैसे भला रोकूँ इसे? ये तो है दीवाना बड़ा जाने ये कैसा नाता है मन का बिन डोर के बाँधे है हो, रब से दुआ में शाम-सँवेरे महबूब को माँगे है कह रहा है सफ़र, आएगी वो नज़र गुज़र जाएगा लमहा इंतज़ार का आगे-आगे चाहत चली पीछे-पीछे दिल चल पड़ा कैसे भला रोकूँ इसे? ये तो है दीवाना बड़ा बेख़ुदी जाने ना, कुछ कहा माने ना हर धड़कन कहे ये जादू है प्यार का आगे-आगे चाहत चली पीछे-पीछे दिल चल पड़ा कैसे भला रोकूँ इसे? ये तो है दीवाना बड़ा
Writer(s): Sameer Lyrics powered by www.musixmatch.com
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