가사

आ, आजा, आजा, आजा आजा, आजा, आजा तुझ को पुकारे मेरा प्यार हो, तुझ को पुकारे मेरा प्यार आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में तुझ को पुकारे मेरा प्यार आख़िरी पल हैं, आख़िरी आहें तुझे ढूँढ रही हैं डूबती साँसें, बुझती निगाहें तुझे ढूँढ रही हैं सामने आजा एक बार आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में तुझ को पुकारे मेरा प्यार दोनों जहाँ की भेंट चढ़ा दी मैंने चाह में तेरी अपने बदन की ख़ाक मिला दी मैंने राह में तेरी अब तो चली आ इस पार आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में तुझ को पुकारे मेरा प्यार कितने युगों तक इतने दुखों को कोई सह ना सकेगा तेरी क़सम मुझे, तू है किसी की, कोई कह ना सकेगा मुझ से है तेरा इक़रार, होय आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में तुझ को पुकारे मेरा प्यार तेरी नज़र की ओस पड़े तो बुझे प्यास मिलन की तेरे बदन की ओट मिटे तो रहे लाज लगन की मिल जाए चैन-क़रार आजा, मैं तो मिटा हूँ तेरी चाह में तुझ को पुकारे मेरा प्यार, होय तुझ को पुकारे मेरा प्यार तुझ को पुकारे मेरा प्यार
Writer(s): Ravi, Sahir Ludhianvi Lyrics powered by www.musixmatch.com
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