가사
मेरा हाल-ए-दिल कौन पहचानता है?
हो, मेरा हाल-ए-दिल कौन पहचानता है?
मैं जो कुछ हूँ, बस मेरा दिल जानता है
मेरा दिल जानता है
मेरा दिल जानता है
मौहल्ले वाले कहते थे मुझे मजनूँ लड़कपन में
हो, मुझे मजनूँ लड़कपन में, लड़कपन में, लड़कपन, ahahahaha
सुना, ये है बहुत होशियार, था मैं प्यार के फ़न में
मगर दिल देके तुमको पड़ गया हूँ तब से उलझन में, पूछो क्यूँ?
मैं जो कुछ हूँ, बस मेरा दिल जानता है
मेरा दिल जानता है
मैं जो कुछ हूँ, बस...
मैं जो कुछ हूँ, बस, बस, बस, बस, बस
मेरा दिल जानता है, मेरा दिल जानता है
तुम्हारे सामने आकर नहीं खुलती ज़बाँ मेरी
नहीं खुलती ज़बाँ मेरी, ज़बाँ मेरी, ज़बाँ, ahah-eh
ओ, तुम्हारे सामने आकर नहीं खुलती ज़बाँ मेरी
मेरी, मेरी, मेरी, मेरी, मेरी
अरे, तुम भी समझ सकते नहीं मजबूरियाँ मेरी
कलेजा थाम लोगे, जब सुनोगे दास्ताँ मेरी
अरे, भई, पूछो क्यूँ?
मैं जो कुछ हूँ, बस मेरा दिल जानता है
मेरा दिल जानता है
Written by: Ghulam Mohammed, Shakeel Badayuni


![YouTube에서 MERA HAAL E DIL KAUN PEHCHANTA HAI..MD RAFI.. [1952 AJEEB LADKI] 보기 YouTube에서 MERA HAAL E DIL KAUN PEHCHANTA HAI..MD RAFI.. [1952 AJEEB LADKI] 보기](https://i.ytimg.com/vi/rWnvNU-Tb7w/maxresdefault.jpg)