가사
किसी खब स्य जुदा मत होन
ए अन्ख्री टेरी बुझ जए गि
टुझे अए ग णजर ण कोइ
ए णीन्द्री टेरी उलज जए गि
मैन ठ सोय फ्र मैन जग
कोइ मेर है मुझे लग
मैन ठ सोय फ्र मैन जग
कोइ मेर है मुझे लग
टुझे चहो ग कभी ण खोन
किसी खब स्य जुदा मत होन
टेरी हे यादन अय अन्ख्यन ओदिका लय
अव्री ग किदो टोउ सैय वय्
टेरी हे यादन अय अन्ख्यन ओदिका लय
अव्री ग किदो टोउ सैय वय्
खहिशो कि पर्वरिश सय्
अ गै है जिन्दगी किस मूर पर्
इस वफा क किअ सिला है
बेवज हे अज्नबी है हुम्सफर्
टेरी डुन्यन मेरी डुन्यन्
गिफ्त हे है टन्ह टन्ह
टेरी डुन्यन मेरी डुन्यन्
गिफ्त हे है टन्ह टन्ह
णहो सरी ॐएर क रोन
किसी खब स्य जुदा मत होन
डिल कि मुथी स्य णिकल्ति
रयित ज्य्सा इश्क मेॠ पस है
बस इसि कय हे शहरय्
मुझ्को बकी ॐएर ज्ञा रास है
टेरी अन्ख्री मेरी अन्ख्य्
ढीॠ ढीॠ डिल मे झाख्य्
टेरी अन्ख्री मेरी अन्ख्य्
ढीॠ ढीॠ डिल मे झाख्य्
एहे जग्न एहे सोन
किसी खब स्य जुदा मत होन
टेरी हे यादन अय अन्ख्यन ओदिका लय
अव्री ग किदो टोउ सैय वय
Writer(s): Sabir Zafar, Wajid Saeed
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