가사

क़सम तुम्हें, कहीं नहीं जाओ धीरे-धीरे चलो क़रीब आओ क़सम तुम्हें, कहीं नहीं जाओ Mmm, धीरे-धीरे चलो क़रीब आओ ये दूरियाँ कुछ कम करो धड़कन मेरी सुनते रहो क़सम तुम्हें, कहीं नहीं जाओ Mmm, धीरे-धीरे चलो क़रीब आओ तेरी दोनों बाँहों में उलझा रहूँ तेरी दोनों आँखों में खोया रहूँ मुझे तेरी महक ने पागल किया तुम ही कहो भला मैं अब क्या करूँ सही-ग़लत मुझे ना समझाओ ओ, क़सम तुम्हें, कहीं नहीं जाओ बारिशों की बातों में आना नहीं मेरे सिवा कहीं तुम जाना नहीं सारी उमर मेरे संग भीगना मुझे तेरे बिना अब रहना नहीं हो सके तो यहीं पे रह जाओ Mmm, क़सम तुम्हें, कहीं नहीं जाओ ये दूरियाँ कुछ कम करो धड़कन मेरी सुनते रहो क़सम तुम्हें, कहीं नहीं जाओ ओ, धीरे-धीरे चलो क़रीब आओ
Writer(s): Jeet Gannguli, Rashmi Virag Lyrics powered by www.musixmatch.com
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