가사
Hmm, अगर बरसात ना होती...
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
हम रह जाते प्यासे-प्यासे, मुलाक़ात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
हम रह जाते प्यासे-प्यासे, मुलाक़ात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
काले-घने जो बदल ना छाते
कैसे भला हम बाँहों में आते?
ऐसे अगर ना बिजली चमकती
प्यासी जवानी यूँ ही तरसती
थोड़ी बेचैनियाँ, थोड़ा-थोड़ा नशा
हमें आने लगा बूँदों का मज़ा
अगर तू साथ ना होती तो दिल की बात ना होती
अगर तू साथ ना होती तो दिल की बात ना होती
हम रह जाते प्यासे-प्यासे, मुलाक़ात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
हो, थोड़ी सी गर्मी, थोड़ी सी सर्दी
बारिश का मौसम कितना बेदर्दी
Hmm, जलने लगी हैं साँसें हमारी
ख़्वाबों में खोई रातें हमारी
कोई दूरी नहीं जान-ए-मन दरमियाँ
तेरी ज़ुल्फ़ों तले हुएँ अरमाँ जवाँ
अगर ये रात ना होती तो दिल की बात ना होती
अगर ये रात ना होती तो दिल की बात ना होती
हम रह जाते प्यासे-प्यासे, मुलाक़ात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
अगर बरसात ना होती तो दिल की बात ना होती
Writer(s): Shankar Shankar, Sameer Lalji Anjaan
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