크레딧

실연 아티스트
Kabir Upadhyay
Kabir Upadhyay
실연자
Kaafir
Kaafir
실연자
작곡 및 작사
Nand-Sugandh
Nand-Sugandh
작곡가
Prabhoo Jha
Prabhoo Jha
작곡가
Avkash Mishra
Avkash Mishra
가사

가사

कैसा सफर है ये इश्क़ का,
कैसी है इसकी मंज़िल
तन्हा अकेला क्यों मैं हूं
पूछ रहा है मेरा दिल
इबादत तेरे लिए की थी
चाहत भी तेरे लिए ही थी
सजाके तोड़ दिया वो ख़्वाब
तमन्ना जिसे जीने की थी
कैसा सफर है ये इश्क़ का
कैसी है इसकी मंज़िल
तन्हा अकेला क्यों मैं हूं
पूछ रहा है मेरा दिल
ये सफर बस ये सफर,
मेरे इश्क़ का है ये सफर
थम गया किस मोड़ पर,
मेरे इश्क़ का है ये सफर
(RAP)
जब मैंने तुझे देखा पहली बार,
तुझे देख के दिल मेरा हुआ बेकरार
सोचा कि सब बातें बता दूं
जो भी मेरे दिल में है
वो तुझ तक पहुंचा दूं
था जादू
हां
तेरी आंखों में था कोई जादू
जो मुझे करने लगा था बेकाबू
नींद चैन मेरा सब खोने लगा था
जो हुआ ना था कभी, वैसा होने लगा था
सौ में भी रह के मैं खुद में अलग था
दोस्तों को ये सब लगता गलत था
तेरी तस्वीर को मैं चूमने लगा था
आँखों में तेरा चेहरा घूमने लगा था
तब जाके धीरे धीरे तुझको भी
अब आने लगा था मुझ पे प्यार
फिर शुरू हुई अपनी एक अलग ही दुनिया
जिसको नाम हमने दिया था प्यार
क्या थे वो भी दिन
जो बिताया था हमने साथ में
खाए थे कसमें वादे
संग रहेंगे किसी भी हालात में
कभी आती थी बहुत प्यार
कभी हो जाती थी तकरार
कभी कभी उलझे रहते थे
एक दूसरे कि प्रॉब्लम सुलझाने में
कभी-कभी कुछ ऐसा हो जाता था
कि मुझे शरम सी आती है वो बातें बताने में
फिर हुआ वहीं जो होना था
जिसे पाया नहीं उसे खोना था
वक़्त के हाथों मैं था मजबूर
मेरी किस्मत पे आया मुझे रोना था
पर अब क्या करूं जो तू साथ नहीं है
पहले वाली तुझमें वो बात नहीं है
पर हो तुम उतने ही पास
और उतने ही खास
तुझे मैं भूल जाऊं ऐसी बात नहीं है
तू याद ना आए ऐसी रात नहीं है
तेरा नाम को सुन के धड़कता है दिल
तू मान ले तेरे भी जज़्बात यही है
तू मान ले तेरे भी जज़्बात यही है
तेरा नाम को सुन के धड़कता है दिल
तू मान ले तेरे भी जज़्बात यही है
(तू मान ले तेरे भी जज़्बात यही है)
कैसा सफर है ये इश्क़ का
कैसी है इसकी मंज़िल
तन्हा अकेला क्यों मैं हूं
पूछ रहा है मेरा दिल
Piano.
कैसी है इसकी मंज़िल
Piano...
पूछ रहा है मेरा दिल...
Written by: Avkash Mishra, Nand-Sugandh, Prabhoo Jha
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