가사
मैं शिरीन हूं
हर बंदे को फरहाद करके जाऊंगी
बरबाद करने आई हूं
बरबाद करने आई हूं
बरबाद करके जाउंगी
चलो जी उड़ गया गरदा
चाल सुबह से हैं
बेहाल सुबह से हैं
उबाल सुबह से एक लहू में
जोश में लडखडाये
होश हुए खानाबदोशो
कहां है काबू में
था ना पीने का वादा
फिर भी हो गई थोड़ी ज्यादा
तेरी आंखें हैं नशे की गोलियां
आज मौसम अल्कोहलिया हो लिया
ओह री अंगूरी दिल की मजबूरी
तू जो लूटे तो बंदा हंस के लुट जाए
दारू से दूरी हमसे न पायें
बोतल ले ले तो मनवा मजनू बनके गाये
अल्कोहलिया अल्कोहलिया
नाच खींच पैरों के बीच से तू तौलिया
अल्कोहलिया अल्कोहलिया
पी पी के लखनऊ
लगे हैं मंगोलिया
अब न हिचकीचा तू
ज़ोर से थिरक जा तू
लाज को आज तो
दारू में धोलिया
आज मौसम अल्कोहलिया हो लिया
अल्कोहलिया अल्कोहलिया
अल्कोहलिया हो लिया
अल्कोहलिया अल्कोहलिया
Writer(s): Shekhar Hasmukh Ravjiani, Vishal Dadlani, Manoj Muntashir Shukla
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