가사

सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ ख़्वाबों में ये सपने, सपनों में सो जाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ पता क्या है तुझको जो मन ये रंग गया है मेरी चाहत जो है, तारों ने भी सुना है सवालों के घेरे में है फ़िर भी फ़सा क्यूँ? मेरी आदत जो है तेरी ही दी सज़ा है सँभालूँ कैसे खुद को ये सब गुनगुना कर? चलें आगे, चलें उस रस्ते जो है चुना लहरें जो सताएँ, ऐसे झूल जाएँ ग़म को भूल, आँसू खुशियों के हो जाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ ख़्वाबों में ये सपने, सपनों में सो जाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ दिन-रात होती है तारों की मन से सलाह जब साथ होती है खुले गगन की तरह कि चाहे दिल नए-नए रंग देखे ना पहचान खोती है होके मगन इतना राहें भूल जाएँ तो भी मुस्कुराएँ असली ज़िंदगानी सपनों सी सजाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ ख़्वाबों में ये सपने, सपनों में सो जाएँ सुन, रे, सुन, बावरिया, मिलके हम खो जाएँ
Writer(s): Vipul Dhankher Lyrics powered by www.musixmatch.com
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