가사

अगर कुछ बातें तुम्हारे लफ़्ज़ों पे आ रही हैं इनकी ये आहट मुझे भी सुनाई दे रही है Hmm, छोड़ो, आओ, बैठो, हम करते हैं फ़िर से शुरू गिले-शिकवे, सारी बातें भूल, करते हैं फ़िर से शुरू तुम्हारी बात है, हो दिन या रात ये एक तुम ही नहीं होती हो बिन नींदों की रातें, कुछ अनकही बातें तुम जाने नहीं देती हो मेरी ये ख़्वाहिश तुम्हारे पे आ के ख़तम होती है हमारी बातें, वो रातें, नज़्मों में मैंने लिखी हैं Hmm, छोड़ो, आओ, बैठो, हम करते हैं फ़िर से शुरू गिले-शिकवे, सारी बातें भूल, करते हैं फ़िर से शुरू छोड़ो, आओ, बैठो, हम करते हैं फ़िर से शुरू गिले-शिकवे, सारी बातें भूल, करते हैं फ़िर से शुरू
Writer(s): Ashu Shukla Lyrics powered by www.musixmatch.com
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