가사

हमारी शादी में... हमारी शादी में अभी बाकी हैं हफ़्ते चार ४०० बरस लगें, ये हफ़्ते कैसे होंगे पार? नहीं कर सकता मैं और एक दिन भी इंतज़ार आज ही पहना दे, पहना दे, पहना दे आज ही पहना दे तेरी गोरी बाहों का हार पूनम, हो हो, जानम, हो हो, पूनम, हो-हो-हो हो, जानम, हो-हो नीचे जो देखूँ तो ocean ही ocean है ऊपर जो देखूँ तो तू आकाश में रोशन है मिलन की जल्दी है मिलन की जल्दी है, plane की धीमी है रफ़्तार मेरा बस चले तो मैं दूँ उसकी छत पे plane उतार मज़े ससुराल के लूँ महीना पूरा वहाँ गुज़ार उसे लेकर लौटूँ, संग लेकर लौटूँ उसे लेकर लौटूँ, मैं जिसका इकलौता हक़दार पूनम, हो हो, जानम, हो हो, पूनम, हो-हो-हो हो, जानम, हो-हो हर परदेस में जानेवाले को है मेरी राय जहाँ भी जाए अपना दिलबर संग में ही ले जाए दूरी इक पल की... हो, दूरी इक पल की मुझसे अब तो सही ना जाए काश क़िस्मत मेरी मेरा थोड़ा सा साथ निभाए मुझसे मिलने को वो दिल्ली airport पे आए उसको देखते ही, अचानक देखते ही ओ, उसको देखते ही मेरा दिल ज़ोरों से चिल्लाए हो, पूनम, हो हो, जानम, हो हो, पूनम, हो हो, जानम, हो, हो हो, हमारी शादी में... हमारी शादी में अभी बाकी हैं हफ़्ते चार महीने बीत गए, ये दिन भी हो जाएँगे पार ना फिर तरसाऊँगी और करवाके इंतज़ार मैं यूँ पहना दूँगी, ऐसे पहना दूँगी हक़ से पहना दूँगी तुम्हें अपनी बाहों का हार साजन, हो-हो ओ, बालम, हो ओ, साजन, हो-हो-हो बालम, हो-हो हमारी शादी में अभी बाकी हैं हफ़्ते चार
Writer(s): Ravindra Jain Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out