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लगता है कि तुम को रब ने बनाया जिस दम अपनी कुदरतों को उसने तुम में कर दिया था गुम इस जहाँ को हुस्न बाँटना भी कर दिया था कम तीखे-तीखे नैन-नक्श तेरे, कलियों से कोमल होंठ तेरे फुलों से नाज़ुक पाँव तेरे, दोनों जहाँ क़ुर्बान तेरे तराशा प्यार से जिसे रब ने, वो मूरत हो तुम सन्-तराशों की जैसे देवी तुम तराशा प्यार से जिसे रब ने वो मूरत हो तुम सन्-तराशों की जैसे देवी तुम तुम सा जहाँ में कोई ना ऐ नाज़नीं, सुनो ना हमें तुम पे हक़ तो दो ना, चाहे तो जान लो ना कि देखा तुम्हें तो होश उड़ गए होंठ जैसे, होंठ जैसे खुद ही सिल गए परदा ख़यालों का है, सचमुच ज़रा सामने आ चाँद को मैं तकता हूँ पर तेरी शक्ल आँखों में जी जलाए चाँदनी भी ठंडी-ठंडी रातों में नाता नींदों से टूट गया, तेरे लिए, ऐ मेरे हसीं दिल को यकीं ये भी हैं मगर आएगा ऐसा दिन भी कभी जब मुलाकातें भी होंगी, मीठी सी बातें भी होंगी प्यार भरी रातें भी होंगी, देखना जब मुलाकातें भी होंगी, मीठी सी बातें भी होंगी प्यार भरी रातें भी होंगी, देखना आने की ख़बर दो ना ऐ नाज़नीं, सुनो ना हमें तुम पे हक़ तो दो ना, चाहे तो जान लो ना कि देखा तुम्हें तो होश उड़ गए होंठ जैसे, होंठ जैसे खुद ही सिल गए होंठ जैसे, होंठ जैसे खुद ही सिल गए
Writer(s): A R Rahman, Mehboob Alam Kotwal Lyrics powered by www.musixmatch.com
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