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जब मैं हुआ बेसहारा दोस्तों ने मुझ को सँवारा जब मैं हुआ ख़ुद से ख़फ़ा दोस्तों ने समझी वफ़ा खोते चले हम जो ये समाँ बढ़ते चले हम आगे वहाँ यारी, तुम्हारी-मेरी यारी दुनिया पे पड़ती थी भारी यारी, तुम्हारी-मेरी यारी सबसे अलग थी बेचारी यारी, तुम्हारी-मेरी यारी दुनिया पे पड़ती थी भारी यारी, तुम्हारी-मेरी यारी सबसे अलग थी बेचारी जब भी मुझे याद आते वो पल जिसमें हम कहीं भी थे उड़ चले जब भी मुझे सताती तन्हाइयाँ कोई सहारा भी दे ना सके कोई मुझे लौटा दे वो पल जिस पल में हम थे जिए कोई मुझे लौटा दे वो पल जिस पल में हम थे जिए यारी, तुम्हारी-मेरी यारी दुनिया पे पड़ती थी भारी यारी, तुम्हारी-मेरी यारी सबसे अलग थी बेचारी कुछ को सताना, कुछ को रुलाना रूठे हुए को वापस मनाना ऐ दोस्तों, मुझ को मिली थी तुम से ही हर खुशी ऐ दोस्तों, जो तुम नहीं तो ख़ाली है ये ज़िंदगी मेरे दोस्तों, बस इतनी सी है इल्तिजा तुम सभी को मैं देख लूँ एक मर्तबा मेरे दोस्तों, बस इतनी सी है इल्तिजा तुम सभी को मैं देख लूँ एक मर्तबा यारी, तुम्हारी-मेरी यारी दुनिया पे पड़ती थी भारी यारी, तुम्हारी-मेरी यारी सबसे अलग थी बेचारी यारी, तुम्हारी-मेरी यारी दुनिया पे पड़ती थी भारी यारी, तुम्हारी-मेरी यारी सबसे अलग थी बेचारी
Writer(s): Swapnil Tare, Madhur Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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