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...मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ? पापा, मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ? पापा, मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ? पापा की निगाहों में, ममता की बाँहों में पापा की निगाहों में, ममता की बाँहों में कुछ दिन और रहती तो क्या बिगड़ जाता? पापा, मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ? पापा, मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ? गया वो बचपन, गए वो सपने बेगाने हो गए सारे वो अपने नन्ही सी तू गुड़िया मेरी नन्हा सा वो झूला तेरा जहाँ मैं दूर हुआ वहीं पे मुँह फूला तेरा फिर तू मना लेता, गले से लगा लेता दिन यही और रहते तो क्या बिगड़ जाता? पापा, मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ? पापा, मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यूँ? करूँगा मैं विदा तुझे, हाय, किस दिल से? सोचूँ जब यही तो मैं रह जाऊँ हिल के करूँगा मैं विदा तुझे, हाय, किस दिल से? सोचूँ जब यही तो मैं रह जाऊँ हिल के पर मेरी बेटी, तुझे जाना तो होगा तूने जिसे चाहा उसे पाना तो होगा चल री, सजनी, अब क्या सोचे? कजरा ना बह जाए रोते-रोते चल री, सजनी, अब क्या सोचे? कजरा ना बह जाए रोते-रोते पापा की निगाहों में, ममता की बाँहों में कुछ दिन और रहती तो क्या बिगड़ जाता?
Writer(s): Matrooh Sultanpuri, Gaurishankar Sharma Lyrics powered by www.musixmatch.com
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