Credits
PERFORMING ARTISTS
Rochak Kohli
Performer
Jubin Nautiyal
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Rochak Kohli
Composer
Manoj Muntashir
Lyrics
Songteksten
जब तेरे क़रीब थे, कितने खुशनसीब थे
रातें सब चराग़ों वाली, सारे दिन ही ईद थे
चाहतें थी चाँद पर, दूरियों की क्या फ़िकर
जैसे लफ़्ज़ और बातें, ऐसे नज़दीक थे
तेरी जुदाइयों में बरसे वो नैना भी
१०० दर्द मिल के जिन को रुला ना पाए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
जितना भुलाना चाहा...
जितना भुलाना चाहा तुम उतना याद आए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
जिस रात आँखें सोएँ सुकून से वो रात आती क्यूँ नहीं?
जिस रात आँखें सोएँ सुकून से वो रात आती क्यूँ नहीं?
पिछले बरस तू बाँहों से जा चुकी तो दिल से जाती क्यूँ नहीं?
हाँ, क्यूँ तेरी यादों को अब तक सँभाला है?
तस्वीर तेरी हम क्यूँ जला ना पाए?
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
जितना भुलाना चाहा...
जितना भुलाना चाहा तुम उतना याद आए
तुझे भूलना तो चाहा...
बुझने लगा है दिल
क़ाबू में कैसे ये बैरन हवाएँ मैं करूँ?
अब किसके आगे मैं खोलूँ हथेली ये?
किस से दुआएँ मैं करूँ?
कोई ख़ुदा है तो मजबूर क्यूँ है वो?
बिछड़े दिलों को वो क्यूँ मिला ना पाए?
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
तुझे भूलना तो चाहा, लेकिन भुला ना पाए
Written by: Manoj Muntashir, Manoj Muntashir Shukla, Rochak Kohli

