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आग दिल में लगा दी है तूने, मगर मैं जला दूँगा या ख़ुद ही जल जाऊँगा आग दिल में लगा दी है तूने, मगर मैं जला दूँगा या ख़ुद ही जल जाऊँगा तेरे आँखों से मुमकिन है, बह जाऊँ मैं इश्क़ में अश्क बन के निकल जाऊँगा तू तो मौसम है, तू तो मौसम है तू तो मौसम है, शायद बदल जाएगी मैं तो आशिक़ हूँ, कैसे बदल जाऊँगा? तेरे सीने में हर पल धड़कता हूँ मैं कैसे दिल से मैं तेरे उतर जाऊँगा? तू तो मौसम है, शायद बदल जाएगी मैं तो आशिक़ हूँ, कैसे बदल जाऊँगा? टूट कर जो ज़मीं पे बिखर जाए वो आसमाँ का मैं कोई सितारा नहीं तुझको हक़ है, मुझे भूल जाए, मगर मैं तुझे भूल जाऊँ, गवारा नहीं कभी दरिया, समंदर या तूफ़ान है इश्क़ में इश्क़ के इम्तिहाँ कम नहीं जो भी अंजाम होगा, वो मंज़ूर है इश्क़ में जाँ भी जाए, कोई ग़म नहीं शाख़ से फूल, शाख़ से फूल शाख़ से फूल बन के तू झड़ जाएगी मैं मगर ख़ुशबू बन के बिखर जाऊँगा तू तो मौसम है, शायद बदल जाएगी मैं तो आशिक़ हूँ, कैसे बदल जाऊँगा? तेरे सीने में हर पल धड़कता हूँ मैं कैसे दिल से मैं तेरे उतर जाऊँगा? तू तो मौसम है, शायद बदल जाएगी मैं तो आशिक़ हूँ, कैसे बदल जाऊँगा?
Writer(s): Ryaan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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