Credits
PERFORMING ARTISTS
Saar Punch
Performer
Lambo Drive
Performer
Shivam Rawal
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Saaraansh Batra
Songwriter
Shivam Rawal
Songwriter
Songteksten
किसी का साथ नहीं चाहिए
बस मेरा साथ ही हो
जो खिलते साथ में नहीं
उन फूलो को तुम काट ही दो
हुई आँखें बंद ये खुदबखुद
शायद देख लिया है बहुत
अब रास्ता तप रहा धूप से
जैसे तैसे नापने दो
बीते कल का भूत है
जानता ये सताता रोज़
है एक दुख का बस्ता सब पे
फ़र्ज़ है डाल के चल ना दोस्त
हुई आँखें बंद ये खुदबखुद
शायद देख लिया है बहुत
अब रास्ता तप रहा धूप से
जैसे तैसे नापने दो
पास आके चूम गई माथा
सुकून छीना मेरी घूम गई दुनिया सारी
चल रहा था साथ में तेरे
पर कर रहा था शायद शैतान से यारी
अब देखु बिस्तर मेरा खाली
सवा तीन नींद का पता नहीं
कल को जो दिखु तोह वक्त देना नज़रो को
उनको जुदाई पता नहीं
पछतावा पछतावा होगा बहुत पछतावा
जो बढ़ा मैं रास्ते पे कदम ब कदम और
निकला ये रास्ता ख़ुद भटका सा
मैं भटका सा
ज़हरीला रिश्ता लेता भोत कुछ
देता बहुत बहुत दुख
अब कश्ती घुसा दी बवंडर में मैंने ही
तोह भला कैसा ये पछतावा
पछतावा पछतावा फिरता था
बचाता सा, था मैं बचा सा
मासूम रूह को लिए ज़ालिम ज़माने में
था थोड़ा कचा सा
बढ़ती उमर से भला कौन है बढ़ा यहां
कबसे मैं खड़ा यहां
ठोकरें खा के इस दुनिया से अंधी दिखा कुछ
तोह अब फर्क पड़ता ना
किसी का साथ नहीं चाहिए
बस मेरा साथ ही हो
जो खिलते साथ में नहीं
उन फूलो को तुम काट ही दो
हुई आँखें बंद ये खुदबखुद
शायद देख लिया है बहुत
अब रास्ता तप रहा धूप से
जैसे तैसे नापने दो
आँखें नहीं होती ये बंद
दिमाग ये होता नहीं नंब
होता क्या ज़्यादा मैं खुश?
अगर बुद्धि होती मंद
सोचने का फ़ायदा भी क्या
ये तोह ऊपर वाले की पसंद
पर हौसले मेरे बुलंद
नहीं रुकता मैं माँ की कसम
पर जब भी लेता कदम ऊपर
दस कायर लोग बैठे मुझे नीचे खींचने को
छोटी सोच इनकी कैद
थोड़ी सी चक्की इन्हे देदो पीसने को
मेरे सामने मत तू ऐंठ
जो भी बोलना है बोल ले तू तमीज़ से ब्रो
इन आँखों ने देख लिया है बहुत
जो थी दिल से सबसे ज़्यादा करीब
उसकी तोह हो गई है मौत
इसलिए जंगली कुत्ता करता है मोश
इसलिए दारू पीके होता मैं स्लॉश
इसलिए माइक के सामने करता मैं रोर
अपने लोगो की बना रहा मैं फौज
अपनी ज़िंदगी करता मैं रिकॉर्ड
कला ऐसी नहीं कर सकते इग्नोर
पाताल से निकला रास्ता दिया खोद
सफर में मिले काफी सारे चोर
पर मुंह लिया मोड़
चाहिए अब सब और चाहिए फिर और
किसी का साथ नहीं चाहिए
बस मेरा साथ ही हो
जो खिलते साथ में नहीं
उन फूलो को तुम काट ही दो
हुई आँखें बंद ये खुदबखुद
शायद देख लिया है बहुत
अब रास्ता तप रहा धूप से
जैसे तैसे नापने दो
बीते कल का भूत है
जानता ये सताता रोज़
है एक दुख का बस्ता सब पे
फ़र्ज़ है डाल के चल ना दोस्त
हुई आँखें बंद ये खुदबखुद
शायद देख लिया है बहुत
अब रास्ता तप रहा धूप से
जैसे तैसे नापने दो
Written by: Janesh Arya, Saaraansh Batra, Shivam Rawal

