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जागे-जागे सोते हैं, ना हँसते, ना रोते हैं खाते कुछ क़स्में, कुछ ख़्वाब खोते हैं तस्वीरें रंगों से आजकल बनाते हैं बातें-वातें करते हैं और भूल जाते हैं बर्फ़ जैसे फ़र्श पे जो धीरे-धीरे चलती हो तो नर्म-नर्म पाँव के निशान छूट जाते हैं बे-लिहाज़ आँखों में यूँ बसे हो तुम अगर मुझको लोग देखें तो वो तुमको देख पाते हैं मैंने सुना जो कि तुमने कभी ना कहा तारों के आगे कोई तो होगी वो जगह जहाँ मैं और तुम जाके खो जाएँ आदतें ये अब छूटे ना तेरी क्या ऐसे ख़याल तुमको भी सताते हैं? साथ में, हर हालात में तेरे हम यही दुआ कहकशाँ से चाहते हैं दिन में ना जागे, रातों में ना सोए रहें खोए-खोए, यार, जज़्बात मेरे दिन में ना जागे, रातों में ना सोए ना हँसे, ना रोए आदतें ये अब छूटे ना तेरी क्या ऐसे ख़याल तुमको भी सताते हैं? देखते ही देखते ज़मीं है कुछ सरक गई तो आओ, चार-छः क़दम साथ में बढ़ाते हैं गिरने से थे डरते, डरते-डरते गिर थे जाते डर का डर जो था उसे जो कहना चाहते भी तो कह ना पाते पर जो देखा आँखों ने तेरी तो झूठी ही सही उम्मीदों की पतंगों को भला कैसे ना हम उड़ाते? क्योंकि कुछ मिज़ाज आजकल है दोनों का ही ऐसा बारिशों में मोर मरहमों की राहतों के जैसा जैसे मिल जाए गुमे हुए को कोई पक्का रस्ता सिर्फ़ मुस्कुराहटों से भर दूँ तेरे दिल का बस्ता रहनुमा, मैंने सुना जो कि तुमने कभी ना कहा तारों के आगे कोई तो होगी वो जगह जहाँ मैं और तुम जाके खो जाएँ आदतें ये अब छूटे ना तेरी क्या ऐसे ख़याल तुमको भी सताते हैं? साथ में, हर हालात में तेरे हम यही दुआ कहकशाँ से चाहते हैं दिन में ना जागे, रातों में ना सोए रहें खोए-खोए, यार, जज़्बात मेरे दिन में ना जागे, रातों में ना सोए ना हँसे, ना रोए आदतें ये अब छूटे ना तेरी क्या ऐसे ख़याल तुमको भी सताते हैं? देखते ही देखते ज़मीं है कुछ सरक गई तो आओ, चार-छः क़दम साथ में बढ़ाते हैं
Writer(s): Ip Singh, Rajarshi Sanyal Lyrics powered by www.musixmatch.com
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