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तुम मुझे बस यूँ ही प्यार करती रहो तुम मुझे बस यूँ ही प्यार करती रहो तो ख़ुशी मेरे दर से कहाँ जाएगी उम्र सारी गुज़ारेंगे हम बाँहों में उम्र सारी गुज़ारेंगे हम बाँहों में ज़िंदगी मेरे दर से कहाँ जाएगी नाम होंठों पे तेरा सुब्ह-ओ-शाम है नाम होंठों पे तेरा सुब्ह-ओ-शाम है बंदगी मेरे दिल से कहाँ जाएगी तुमसे पहले कोई भी हमारा ना था तुमसे पहले कोई भी हमारा ना था प्यार का दिल में कोई सितारा ना था चाँदनी बनके तुम अब तो घर आ गई चाँदनी बनके तुम अब तो घर आ गई रौशनी मेरे दर से कहाँ जाएगी कितना मासूम है प्यार का सिलसिला कितना मासूम है प्यार का सिलसिला जो मेरे दिल को है तेरे दिल से मिला दिल से दिल की इसी दोस्ती की क़सम दिल से दिल की इसी दोस्ती की क़सम दोस्ती मेरे दिल से कहाँ जाएगी तुम मुझे बस यूँ ही प्यार करती रहो तो ख़ुशी मेरे दर से कहाँ जाएगी नाम होंठों पे तेरा सुब्ह-ओ-शाम है बंदगी मेरे दिल से कहाँ जाएगी
Writer(s): Nasir Faraaz, Rajesh Roshan Nagrath Lyrics powered by www.musixmatch.com
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