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कुँज बिहारी पीताम्बर धारी म्हारो मारगड़ो रोके गिरिधारी रे वालमीया ने क्हेजो, तमो जीत्या ने हूं हारी रे || कालिंदी ने तीरे, गोप गोवालिनी ने, रासे रमाड़े रासे रमाड़े गिरिधारी रे मारग रोकी, कान्हजी ए म्हारी, नवरंग चुंदड़ी, नवरंग चुंदड़ी झाली रे हेsssss हूं तो लाज शरम थी शरमायी रे वालमीया ने क्हेजो, तमो जीत्या ने हूं हारी रे | कुँज बिहारी पीताम्बर धारी म्हारो मारगड़ो रोके गिरिधारी रे वालमीया ने क्हेजो, तमो जीत्या ने हूं हारी रे || मध्यरात मानी जगती, मोरली ना नादे हूं तो भरली नीं दर थी, भरली नींदर थी जागी रे मोरली ना नादे म्हारू, मनड़ू मोह्यू माने, नींदर वेरण, नींदर वेरण थयी रे हेsssss हूं तो जाणी जाणी तोऐ अजाणी रे वालमीया ने क्हेजो, तमो जीत्या ने हूं हारी रे | कुँज बिहारी पीताम्बर धारी म्हारो मारगड़ो रोके गिरिधारी रे वालमीया ने क्हेजो, तमो जीत्या ने हूं हारी रे || जमुना ने तीरे तने, जोऊं नहीं श्याम तारे, तरसे आँखलड़ी तरसे आँखलड़ी म्हारी रे वेणु ना सूर मने, हैय्ये वाग्या छे कान्ह, वेणु वगाड़ ने वेणु वगाड़ ने ताड़ी रे हेssss हूं तो प्राण जीवन रही पुकारी रे वालमीया ने क्हेजो, तमो जीत्या ने हूं हारी रे | कुँज बिहारी पीताम्बर धारी म्हारो मारगड़ो रोके गिरिधारी रे वालमीया ने क्हेजो, तमो जीत्या ने हूं हारी रे ||
Writer(s): Appu, Traditional Lyrics powered by www.musixmatch.com
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