Podobne Utwory
Kredyty
PERFORMING ARTISTS
Jagjit Singh
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Nikhil Vinay
Composer
Faaiz Anwar
Lyrics
Tekst Utworu
कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे
जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे
जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी है मगर साँस रूकी हो जैसे
हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है
हर मुलाक़ात पे महसूस यही होता है
मुझसे कुछ तेरी नज़र पूछ रही हो जैसे
राह चलते हुए अक्सर ये गुमां होता है
राह चलते हुए अक्सर ये गुमां होता है
वो नज़र छुप के मुझे देख रही हो जैसे
वो नज़र छुप के मुझे देख रही हो जैसे
एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़र
एक लम्हे में सिमट आया है सदियों का सफ़र
ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे
ज़िंदगी तेज़ बहुत तेज़ चली हो जैसे
इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं
इस तरह पहरों तुझे सोचता रहता हूँ मैं
मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो जैसे
मेरी हर साँस तेरे नाम लिखी हो जैसे
कोई फ़रियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे
तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे
जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे
जान बाकी है मगर साँस रूकी हो जैसे
Writer(s): Faaiz Anwar
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