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अब मुझे रात-दिन तुम्हारा ही ख़याल है अब मुझे रात-दिन तुम्हारा ही ख़याल है क्या कहूँ, प्यार में दीवानों जैसा हाल है दीवानों जैसा हाल है, तुम्हारा ही ख़याल है अब मुझे रात-दिन तुम्हारा ही ख़याल है क्या कहूँ, प्यार में दीवानों जैसा हाल है तुम को देखे बिना चैन मिलता नहीं दिल पे अब तो कोई ज़ोर चलता नहीं जादू है कैसा दिल की लगी में? डूब गया हूँ इस बेख़ुदी में अब मुझे रात-दिन तुम्हारा ही ख़याल है क्या कहूँ, प्यार में दीवानों जैसा हाल है हर पल ढूँढे नज़र तुम को ही, जान-ए-मन हद से बढ़ने लगा मेरा दीवानापन दिल में बसा लूँ, अपना बना लूँ या फिर नज़र में तुम को छुपा लूँ अब मुझे रात-दिन (अब मुझे रात-दिन) तुम्हारा ही ख़याल है (तुम्हारा ही ख़याल है) क्या कहूँ, प्यार में (क्या कहूँ, प्यार में) दीवानों जैसा हाल है (दीवानों जैसा हाल है) दीवानों जैसा हाल है, तुम्हारा ही ख़याल है
Writer(s): Sajid-wajid, Faaiz Anwar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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