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मेरी ज़िंदगी में आए हो, और ऐसे आए हो तुम जो घुल गया है साँसों में वो गीत लाए हो तुम मेरी ज़िंदगी में आए हो, और ऐसे आए हो तुम जो घुल गया है साँसों में वो गीत लाए हो तुम हो, तुम ही कहो, तुम ही कहो दिल जो ऐसे गाए, कोई क्यूँ ना गुनगुनाए? मेरी ज़िंदगी में आए हो, और ऐसे आए हो तुम जो घुल गया है साँसों में वो गीत लाए हो तुम तुम को पा के, हँस के, गा के निखरी है, सँवरी है ज़िंदगी उजली सुबहें, रंगीं शामें आ गई एक नई दिलकशी हो, मान भी लो, मान भी लो रात जो है चहकी, ये फ़िज़ा जो समझाए मेरी ज़िंदगी में... मेरी ज़िंदगी में आए हो, और ऐसे आए हो तुम जो घुल गया है साँसों में वो गीत लाए हो तुम तुम से पहले देखे कब थे मैंने ये ख़ाबों के कारवाँ तुम जो आए, तुम हो लाए अनकही, अनसुनी दास्ताँ हो, सुनो ज़रा, सुनो ज़रा मेरा दिल भी, हाए, वो कहानी दोहराए मेरी ज़िंदगी में... मेरी ज़िंदगी में आए हो, और ऐसे आए हो तुम जो घुल गया है साँसों में वो गीत लाए हो तुम हो, तुम ही कहो, तुम ही कहो दिल जो ऐसे गाए, कोई क्यूँ ना गुनगुनाए? मेरी ज़िंदगी में आए हो, और ऐसे आए हो तुम जो घुल गया है साँसों में वो गीत लाए हो तुम
Writer(s): Javed Akhtar Lyrics powered by www.musixmatch.com
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