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इशारों-इशारों में दिल लेने वाले बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से? निगाहों-निगाहों में जादू चलाना मेरी जान सीखा है तुम ने जहाँ से हो, मेरे दिल को तुम भा गए मेरी क्या थी इस में ख़ता? मुझे जिस ने तड़पा दिया यही थी वो ज़ालिम अदा यही थी वो ज़ालिम अदा ये राँझा की बातें, ये मजनू के किस्से अलग तो नहीं हैं मेरी दास्ताँ से हाए, इशारों-इशारों में दिल लेने वाले बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से? हो, मोहब्बत जो करते हैं वो मोहब्बत जताते नहीं धड़कने अपने दिल की कभी किसी को सुनाते नहीं किसी को सुनाते नहीं मज़ा क्या रहा जब कि ख़ुद कर दिया हो मोहब्बत का इज़हार अपनी ज़ुबाँ से इशारों-इशारों में दिल लेने वाले बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से? मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से हो, बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से? हो, मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
Writer(s): Onkar Prasad Nayyar, Shamoul Huda Bihari Lyrics powered by www.musixmatch.com
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