तेरे-मेरे दरमियाँ हैं बातें अनकही
तू वहाँ है, मैं यहाँ, क्यूँ साथ हम नहीं?
तेरे-मेरे दरमियाँ हैं बातें अनकही
तू वहाँ है, मैं यहाँ, क्यूँ साथ हम नहीं?
फ़ैसले जो किए, फ़ासले ही मिले
राहें जुदा क्यूँ हो गई?
ना तू ग़लत, ना मैं सही
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे
थोड़ी सी दूरियाँ हैं, थोड़ी मजबूरियाँ हैं
लेकिन है जानता मेरा दिल
Whoa, एक दिन तो आएगा जब तू लौट आएगा
तब फिर मुस्कुराएगा मेरा दिल
सोचती हूँ यही बैठे-बैठे यूँ ही
राहें जुदा क्यूँ हो गई?
ना तू ग़लत, ना मैं सही
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे साथ तेरे
मुझको ना रहना साथ मेरे
ले जा मुझे
ले जा...