Kredyty
PERFORMING ARTISTS
Kumar Sanu
Performer
COMPOSITION & LYRICS
R.D. Burman
Composer
Javed Akhtar
Lyrics
Tekst Utworu
[Verse 1]
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
क्या कहना है क्या सुनना है
मुझको पता है तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूं बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
[Verse 2]
कितने गहरे हल्के
शाम के रंग हैं छलके
पर्वत से यूँ उतरे बादल
जैसे आँचल ढलके
[Verse 3]
कितने गहरे हल्के
शाम के रंग हैं छलके
पर्वत से यूँ उतरे बादल
जैसे आँचल ढलके
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूं बस एक तुम हो
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
[Verse 4]
सुलगी सुलगी साँसें
बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साये
पिघले पिघले तन मन
[Verse 5]
सुलगी सुलगी साँसें
बहकी बहकी धड़कन
महके महके शाम के साये
पिघले पिघले तन मन
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूं बस एक तुम हो
[Verse 6]
कुछ ना कहो कुछ भी ना कहो
क्या कहना है क्या सुनना है
मुझको पता है तुमको पता है
समय का ये पल थम सा गया है
और इस पल में कोई नहीं है
बस एक मैं हूं बस एक तुम हो
Written by: Javed Akhtar, R.D. Burman

