Teledysk
Kredyty
PERFORMING ARTISTS
Dipakshi Kalita
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Anu Malik
Composer
Gulzar
Lyrics
Tekst Utworu
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
तेरा नशीला बदन बाँहों ने छोड़ा नहीं
आँखें तो खोली, मगर सपना वो तोड़ा नहीं
हाँ, वहीं, हो, वहीं
साँसों पे रखा हुआ
तेरे होंठों का सपना अभी है वहीं
ओ, रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
तेरे बिना भी कभी तुझ से मचल लेती हूँ
करवट बदलती हूँ तो सपना बदल लेती हूँ
तेरे बिना भी कभी तो तुझ से मचल लेती हूँ
करवट बदलती हूँ तो सपना बदल लेती हूँ
तेरा ख़याल आया तो बल खा के पल जाते हैं
पानी के चादर तले तन मेरा जल जाता है
हाँ, वहीं, हो, वहीं
साँसों पे रखा हुआ
तेरे होंठों का सपना अभी है वहीं
ओ, रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
रात का नशा अभी आँख से गया नहीं
Writer(s): Gulzar, Anu Malik
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