Tekst Utworu
पूछे जो कोई मेरी निशानी, रंग हिना लिखना
गोरे बदन पे उंगली से मेरा नाम अदा लिखना
कभी-कभी आसपास चाँद रहता है
कभी-कभी आसपास शाम रहती है
आओ ना, आओ ना, जेहलम में बह लेंगे
वादी के मौसम भी एक दिन तो बदलेंगे
कभी-कभी आसपास चाँद रहता है
कभी-कभी आसपास शाम रहती है
आऊँ तो सुबह, जाऊँ तो मेरा नाम सबा लिखना
बर्फ़ पड़े तो बर्फ़ पे मेरा नाम दुआ लिखना
ज़रा-ज़रा आग-वाग पास रहती है
ज़रा-ज़रा काँगड़े के आँच रहती है
कभी-कभी आसपास चाँद रहता है
कभी-कभी आसपास शाम रहती है
जब तुम हँसते हो, दिन हो जाता है
तुम गले लगो तो दिन सो जाता है
डोली उठाए आएगा दिन तो पास बिठा लेना
कल जो मिलें तो माथे में मेरे सूरज उगा देना
ज़रा-ज़रा आसपास धूप रहेगी
ज़रा-ज़रा आसपास रंग रहेंगे
ज़रा-ज़रा आसपास धूप रहेगी
ज़रा-ज़रा आसपास रंग रहेंगे
ज़रा-ज़रा आसपास धूप रहेगी
ज़रा-ज़रा आसपास रंग रहेंगे
ज़रा-ज़रा...
Writer(s): Shreyas Puranik, Gulzar
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