Tekst Utworu

कभी भूलूँ ना, कभी भूलूँ ना कभी भूलूँ ना, कभी भूलूँ ना कभी भूलूँ ना याद तुम्हारी रटूँ तेरा नाम मैं साँझ-सवेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे सिर मोर-मुकुट, कानन कुंडल दो चंचल नैन कटारे सिर मोर-मुकुट, कानन कुंडल दो चंचल नैन कटारे मुखकमल पे भँवरे बने केश लहराए कारे-कारे हो जाओ प्रकट मम हृदय में करो दिल के दूर अँधेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे गल सोहे रही मोतिन माला अधरों पे मुरली सजाए गल सोहे रही मोतिन माला अधरों पे मुरली सजाए करे घायल टेढ़ी चितवन से मुस्कान से चैन चुराए हों भक्तों के सिर ताज किंतु राधा-रानी के चेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे अपने आँचल की छाया में करुणा में मुझे छिपा लो अपने आँचल की छाया में करुणा में मुझे छिपा लो मैं जनम-जनम से भटका हूँ मेरे नाथ, मुझे अपना लो प्राणेश-रमण, तुम संग मेरे हैं जनम-जनम के फेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे कभी भूलूँ ना, कभी भूलूँ ना कभी भूलूँ ना याद तुम्हारी रटूँ तेरा नाम मैं साँझ-सवेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण मेरे राधा-रमण मेरे, राधा-रमण कभी भूलूँ ना, कभी भूलूँ ना कभी भूलूँ ना, कभी भूलूँ ना कभी भूलूँ ना, कभी भूलूँ ना
Writer(s): Harinam Das Lyrics powered by www.musixmatch.com
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