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कितनों के दिल तोड़ोगे?
अब किसको तनहा छोड़ोगे?
गालियाँ वो देंगे लोग तुम्हें
जिस-जिस से मुँह मोड़ोगे
कितनों के दिल तोड़ोगे?
अब किसको तनहा छोड़ोगे?
गालियाँ वो देंगे लोग तुम्हें
जिस-जिस से मुँह मोड़ोगे
धंधा ये मगर बेमिसाल करते हो
धंधा ये मगर बेमिसाल करते हो
तुम्हें क्या कहें साहिब, तुम कमाल करते हो
इन दो नैनों को रोज़ ही तुम तो चार करते हो
तुम्हें क्या कहें साहिब, तुम कमाल करते हो
इन दो नैनों को रोज़ ही तुम तो चार करते हो
तुमने कहा था, मैं सबसे जुदा हूँ
खुदा की क़सम, बस मैं ही खुदा हूँ
झूठी थी बातें, वो बातें तुम्हारी
बातें तुम्हारी वो सारी की सारी
तुमने कहा था, मैं सबसे जुदा हूँ
खुदा की क़सम, बस मैं ही खुदा हूँ
झूठी थी बातें, वो बातें तुम्हारी
बातें तुम्हारी वो सारी की सारी
मत पूछो अब हाल जो तुम बेहाल करते हो
मत पूछो अब हाल जो तुम बेहाल करते हो
तुम्हें क्या कहें साहिब, तुम कमाल करते हो
इन दो नैनों को रोज़ ही तुम तो चार करते हो
तुम्हें क्या कहें साहिब, तुम कमाल करते हो
इन दो नैनों को रोज़ ही तुम तो चार करते हो
सुना था किसी से है नाम तुम्हारा
मालूम ना था ये है काम तुम्हारा
निकले Abeer, तुम तो बेग़ैरत
बुरा होगा अब ये अंजाम तुम्हारा
सुना था किसी से है नाम तुम्हारा
मालूम ना था ये है काम तुम्हारा
निकले Abeer, तुम तो बेग़ैरत
बुरा होगा अब ये अंजाम तुम्हारा
बुरा होगा अब ये अंजाम तुम्हारा
ये जो बिना रोए ही आँखें तुम लाल करते हो
बिना रोए ही आँखें तुम लाल करते हो
तुम्हें क्या कहें साहिब, तुम कमाल करते हो
इन दो नैनों को रोज़ ही तुम तो चार करते हो
तुम्हें क्या कहें साहिब, तुम कमाल करते हो
इन दो नैनों को रोज़ ही तुम तो चार करते हो
Writer(s): Riaz Hussain
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