Gulshan Sharma – Najpopularniejsze utwory
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Kredyty
PERFORMING ARTISTS
Gulshan Sharma
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Gulshan Sharma
Composer
Tekst Utworu
शाम-सवेरे देखूँ तुझको, कितना सुंदर रूप है
शाम-सवेरे देखूँ तुझको, कितना सुंदर रूप है
तेरा साथ है ठंडी छाया, बाक़ी दुनिया धूप है
जब-जब भी इसे पुकारूँ मैं
जब-जब भी इसे पुकारूँ मैं
तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
खुश हो जाए 'गर साँवरिया, क़िस्मत को चमका देता
खुश हो जाए 'गर साँवरिया, क़िस्मत को चमका देता
हाथ पकड़ ले अगर किसी का, जीवन स्वर्ग बना देता
ये बातें सोच-विचारूँ मैं
तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं
ये बातें सोच-विचारूँ मैं
तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
शाम-सवेरे देखूँ तुझको, कितना सुंदर रूप है
शाम-सवेरे देखूँ तुझको, कितना सुंदर रूप है
तेरा साथ है ठंडी छाया, बाक़ी दुनिया धूप है
जब-जब भी इसे पुकारूँ मैं
तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं
जब-जब भी इसे पुकारूँ मैं
तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
गिरने से पहले ही आकर बाबा मुझको सँभालेगा
गिरने से पहले ही आकर बाबा मुझको सँभालेगा
पूरा है विश्वास, Raj को तूफ़ानों से निकालेगा
यह तन-मन तुझपे वारूँ मैं
तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं
यह तन-मन तुझपे वारूँ मैं
तस्वीर को इसकी निहारूँ मैं
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
मेरा श्याम आ जाता मेरे सामने
Gulshan Music
Writer(s): Gulshan Sharma, Traditional
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