Tekst Utworu

पानी-पानी होंठों पे ना जाने कैसे धानी-धानी मुस्कुराहटों के फूल खिलने लगे मन ही मन खारी-खारी हथेलियों पे जाने कैसे प्यारी-प्यारी रंगरेलियों की धूप सजने लगी तन-बदन हुई मैं तेरी जोगनिया, जोगनिया तू जोगी, तेरी जोगनिया, मैं जोगनिया अब चाहे मोहे रंग लगा पिया जी, मोहे अंग लगा हुई मैं तेरी जोगनिया, जोगनिया तू जोगी, तेरी जोगनिया, मैं जोगनिया जब से मिली बाँहें तेरी, मुझसे मिली राहें मेरी जब से मिली बाँहें तेरी, मुझसे मिली राहें मेरी छत पे तेरी जाग के मुझसे मिली सुबहें मेरी अब चाहे तू रातें जला अब चाहे तू रात बुझा हुई मैं तेरी जोगनिया, जोगनिया तू जोगी, तेरी जोगनिया, मैं जोगनिया नीमे-नीमे नैनों में ना जाने कैसे मीठे-मीठे चाहतों के छींटे आज भरने लगे मन ही मन पीली-पीली ख़्वाहिशों पे जाने कैसे नीली-नीली बारिशों की बूँदें आज तरने लगे तन-बदन हुई मैं तेरी जोगनिया, जोगनिया तू जोगी, तेरी जोगनिया, मैं जोगनिया
Writer(s): Wajid Khan, Sajid Khan, Kausar Munir Lyrics powered by www.musixmatch.com
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