Tekst Utworu
मेरी क़िस्मतों को मिले हाथ तेरे
फिर से लकीरें दिखने लगी
देखा तुम्हें तो ऐसा लगा है
जैसे ये आँखें धड़कने लगी
रहूँ उम्र-भर मैं तेरी, तू मेरा
जब मैं बादल बन जाऊँ, तुम भी बारिश बन जाना
जो कम पड़ जाएँ साँसें, तू मेरा दिल बन जाना
रिमझिम सावन की बूँदें तू हर मौसम बरसाना
जो कम पड़ जाएँ साँसें, तू मेरा दिल बन जाना
मेरे लबों से आए कभी भी
हो नाम पहला तेरा मेरी ज़बाँ पे
चाहे ज़माना मुँह मोड़ ले, पर
हर पल तू रहना मेरा, बस ये दुआ है
बना लूँगी मैं अब तुझे ही ख़ुदा
जब मैं बादल बन जाऊँ, तुम भी बारिश बन जाना
जो कम पड़ जाएँ साँसें, तू मेरा दिल बन जाना
हाँ, रिमझिम सावन की बूँदें तू हर मौसम बरसाना
जो कम पड़ जाएँ साँसें, तू मेरा दिल बन जाना
Writer(s): Kunaal Verma, Srishty Pranov Kumar
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