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जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
हमने तो जब कलियाँ माँगीं, काँटों का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
खुशियों की मंज़िल ढूँढी तो ग़म की गर्द मिली
खुशियों की मंज़िल ढूँढी तो ग़म की गर्द मिली
चाहत के नग़्मे चाहे तो आह-ए-सर्द मिली
दिल के बोझ को दूना कर गया, जो ग़म-ख़्वार मिला
हमने तो जब कलियाँ माँगीं, काँटों का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
बिछड़ गया, बिछड़ गया...
बिछड़ गया हर साथी देकर पल-दो-पल का साथ
किसको फ़ुर्सत है जो थामे दीवानों का हाथ?
हमको अपना साया तक अक्सर बेज़ार मिला
हमने तो जब कलियाँ माँगीं, काँटों का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
इसको ही जीना कहते हैं तो यूँ ही जी लेंगे
इसको ही जीना कहते हैं तो यूँ ही जी लेंगे
उफ़ ना करेंगे, लब सी लेंगे, आँसू पी लेंगे
ग़म से अब घबराना कैसा, ग़म १०० बार मिला
हमने तो जब कलियाँ माँगीं, काँटों का हार मिला
जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
Writer(s): Sahir Ludhianvi, Sachin Dev Burman
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