Tekst Utworu

भीगी सी बारिश की बूँदें तन-मन को हर पल जलाएँ बेदर्द याद पिया की रातों में मुझको जगाए हाथों में चूड़ियाँ खनके, पाँव में पयाल छनके ख़्वाब दिखाए सजन के, छेड़े मन के ये तार कानों में बालियाँ चमकें, माथे की बिंदिया दमके सर से चुनरी सरके बार-बार साँवरिया, ऐसे तूने पुकारा, लुट गइयाँ साँवरिया, ऐसे तूने पुकारा, लुट गइयाँ साँवरिया, ऐसे तूने पुकारा, लुट गइयाँ अनजान सी डोर खींचे मुझे राहें तेरी ओर मुड़ने लगीं चाहत ने मदहोश यूँ कर दिया मैं तो हवाओं में उड़ने लगी हाथों में चूड़ियाँ खनके, पाँव में पयाल छनके ख़्वाब दिखाए सजन के, छेड़े मन के ये तार कानों में बालियाँ चमकें, माथे की बिंदिया दमके सर से चुनरी सरके बार-बार साँवरिया, हाय, साँवरिया साँवरिया, ऐसे तूने पुकारा, लुट गइयाँ साँवरिया, ऐसे तूने पुकारा, लुट गइयाँ साँवरिया, साँवरिया
Writer(s): Vikram Noel Montrose, Shekhar Astitwa Lyrics powered by www.musixmatch.com
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