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PERFORMING ARTISTS
Sarbionics
Sarbionics
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Sarbjit Singh Satia
Sarbjit Singh Satia
Composer
PRODUCTION & ENGINEERING
Sarbjit Singh Satia
Sarbjit Singh Satia
Producer

Tekst Utworu

दिल ने चाही थी कुछ बातें
अरमानों में उलझी रातें
ख्वाबों की ये दुनिया सारी
क्यों लगती है अब तो प्यारी
चाँदनी रात में, तारों के साथ में
ढूँढता रहा मैं, वो चेहरा बार बार
जिसकी हंसी में, मेरी खुशी में
बसा था एक आसमान अपार।
प्यार तो है बेकार, दिल बेज़ार
जब मिला ना साथ, तो क्या करे ये दिल बेकरार
प्यार तो है बेकार, दिल बेज़ार
जब ना बात बने, तो छोड़ दे ये प्यार का प्यार
इश्क की गलियों में, खो गया दिल
ढूँढता रहा मैं, वो मीठी सी मंजिल
जिसके बिना सब, सूना सूना
लगता है जीवन, बिन तेरे जीना
दिल की ये दास्ताँ, अब तो है बस एक फसाना
जिसे सुनकर भी, ना आए कोई आंसू बहाना
खो गया जो सपना, वो था मेरा अपना
अब तो बस एक बात, प्यार नहीं है सपना
प्यार तो है बेकार, दिल बेज़ार
जब मिला ना साथ, तो क्या करे ये दिल बेकरार
प्यार तो है बेकार, दिल बेज़ार
जब ना बात बने, तो छोड़ दे ये प्यार का प्यार
अब ना शिकवा है, ना गिला है
जी लेंगे हम भी, बिन इस प्यार के सिलसिले
प्यार तो था बेकार, दिल था बेज़ार
अब जीना है हमें सरब अपने ही इस नए अंदाज़ में
अब ना शिकवा है, ना गिला है
जी लेंगे हम भी, बिन इस प्यार के सिलसिले
प्यार तो था बेकार, दिल था बेज़ार
अब जीना है हमें सरब अपने ही इस नए अंदाज़ में
अब जीना है हमें सरब अपने ही इस नए अंदाज़ में
प्यार तो था बेकार, दिल था बेज़ार
अब जीना है हमें सरब अपने ही इस नए अंदाज़ में
अब जीना है हमें सरब अपने ही इस नए अंदाज़ में
Written by: Sarbjit Singh Satia
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