Kredyty
PERFORMING ARTISTS
Rajesh Sahae
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Yogesh/R.D.Burman
Composer
Tekst Utworu
ना जाने दिन कैसे जीवन में आएँ हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आएँ हैं
के मुझसे तो बिछड़े खुद मेरे साये हैं
ना जाने दिन कैसे जीवन में आएँ हैं
क्या क्या सोचा था
क्या थी उम्मीदें
जिसके लिए भी मैंने खो दीं
आंखों की ये नींदें
उसी से दुखों के
तोहफे ये पाये हैं
ना जाने दिन कैसे
जीवन में आएँ हैं
समझा सुख जिसको
छाया थी ग़म की
जैसे कहीं रेत पे चमकें
कुछ बूंदें शबनम की
ये धोखे नज़र के
हमने भी खाये हैं
ना जाने दिन कैसे
जीवन में आएँ हैं
ना जाने दिन कैसे
जीवन में आएँ हैं
के मुझसे तो बिछड़े
खुद मेरे साये हैं
ना जाने दिन कैसे
जीवन में आएँ हैं
Written by: Yogesh/R.D.Burman

