Kredyty
PERFORMING ARTISTS
Shankar Mahadevan
Performer
Shankar Ehsaan Loy
Performer
Sonu Nigam
Performer
Hariharan
Performer
Roop Kumar Rathod
Performer
Vijay Prakash
Performer
Kunal Ganjawala
Performer
COMPOSITION & LYRICS
Shankar Mahadevan
Composer
Ehsaan Noorani
Composer
Loy Mendonsa
Composer
Javed Akhtar
Lyrics
Tekst Utworu
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें, साथी, है बस इतना ही कहना
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें, साथी, है बस इतना ही कहना
अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो बादल बनके पर्वत पर है छाना
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
निकले हैं मैदाँ में हम जाँ हथेली पर लेकर
अब देखो दम लेंगे हम जाके अपनी मंज़िल पर
ख़तरों से हँसके खेलना
इतनी तो हममें हिम्मत है
मोड़ें कलाई मौत की
इतनी तो हममें ताक़त है
हम सरहदों के वास्ते लोहे की एक दीवार हैं
हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं
अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो बादल बनके पर्वत पर है छाना
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
जोश दिल में जगाते चलो
जीत के गीत गाते चलो
जोश दिल में जगाते चलो
जीत के गीत गाते चलो
जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं अपने लहू से
हमको उस में रंग भरना है
साथी मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है
या तो अब करना है, या तो अब मरना है
चाहें अँगारें बरसे के बिजली गिरे
तू अकेला नहीं होगा यारा मेरे
कोई मुश्किल हो या हो कोई मोर्चा
साथ हर मोड़ पर होंगे साथी तेरे
अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो बादल बनके पर्वत पर है छाना
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
इक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है
इस दिल को चुपके-चुपके वो तड़पाता है
जब घर से कोई भी ख़त आया है
काग़ज़ को मैंने भीगा-भीगा पाया है
हो, पलकों पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते हैं
कुछ सपने ऐसे हैं जो साथ-साथ चलते हैं
कोई सपना ना टूटे, कोई वादा ना टूटे
तुम चाहो जिससे दिल से, वो तुमसे ना रूठे
अब जो भी हो शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो बादल बनके पर्वत पर है छाना
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
चलता है जो ये कारवाँ
गूँजी सी है ये वादियाँ
है ये ज़मीं (गूँजी-गूँजी), ये आसमाँ (गूँजा-गूँजा)
है ये हवा (गूँजी-गूँजी), है ये समाँ (गूँजा-गूँजा)
हर रस्ते ने, हर वादी ने, हर पर्वत ने सदा दी
हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे हर बाज़ी
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
कंधों से मिलते हैं कंधे
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो
दिल दुश्मन के हिलते हैं
कंधों से मिलते हैं कंधे (चलता है तो)
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो (देखा ही ना)
दिल दुश्मन के हिलते हैं
कंधों से मिलते हैं कंधे (इतनी सी है)
क़दमों से क़दम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो (ये वादियाँ)
दिल दुश्मन के हिलते हैं
Writer(s): Javed Akhtar, Ehsaan Noorani, Shankar Mahadevan, Aloyius Peter Mendonsa
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