Tekst Utworu

नए नए नैना मेरे ढूंढे है दरबदर क्यों तुझे नए नए मंज़र ये तकते है इस कदर क्यूँ मुझे ज़रा ज़रा फूलो पे जड़ने लगा दिल मेरा ज़रा ज़रा कांटो से लगने लगा दिल मेरा मैं परेशान परेशान परेशान परेशान आतिशे वो कहाँ मैं परेशान परेशान परेशान परेशान रंजिसे है धुँआ हाँ तश खा के गलियाँ मुड़ने लगी हैं मुडने लगी है राहों से तेरी जुड़ने लगी है जुड़ने लगी है चौबारे सारे ये मीलो के मारे से पूछे हैं तेरा पता ज़रा ज़रा चलने से थकने लगा है दिल मेरा ज़रा ज़रा उड़ने को करने लगा दिल मेरा मैं परेशान परेशान परेशान परेशान दिलकशी का समां मैं परेशान परेशान परेशान परेशान ख्वाहिशो का समां बे बात खुद पे मरने लगी हूँ मरने लगी हूँ बे बाक आहे भरने लगी हूँ भरने लगी हूँ चाहत के छीटे है खारे भी मीठे है मैं क्या से क्या हो गई ज़रा ज़रा फितरत बादल ने लगा दिल मेरा ज़रा ज़रा किस्मत से लड़ने लगा दिल मेरा कैसी मदहोशिया, मस्तियाँ मस्तियाँ मैं परेशान परेशान परेशान परेशान आतिशे वो कहाँ मैं परेशान परेशान परेशान परेशान रंजिशे है धुँआ हाँ
Writer(s): Kausar Munir, Amit Trivedi Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out