Créditos
INTERPRETAÇÃO
Chitra Singh
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Jagjit Singh
Composição
Sudarshan Faakir
Letra
Letra
जिस मोड़ पर किए थे हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे हमने क़रार बरसों
उससे लिपट के रोए...
उससे लिपट के रोए दीवाना-वार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे...
तुम गुलसिताँ से आए, ज़िक्र-ए-ख़िज़ाँ ही लाए
तुम गुलसिताँ से आए, ज़िक्र-ए-ख़िज़ाँ ही लाए
हमने क़फ़स में देखी...
हमने क़फ़स में देखी फ़स्ल-ए-बहार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे...
होती रही है यूँ तो बरसात आँसुओं की
होती रही है यूँ तो बरसात आँसुओं की
उठते रहे हैं फिर भी दिल से ग़ुबार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे...
वो संग-दिल था, कोई बेगाना-ए-वफ़ा था
वो संग-दिल था, कोई बेगाना-ए-वफ़ा था
करते रहे हैं जिसका...
करते रहे हैं जिसका हम इंतज़ार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे हमने क़रार बरसों
उससे लिपट के रोए...
उससे लिपट के रोए दीवाना-वार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे हमने क़रार बरसों
जिस मोड़ पर किए थे...
Written by: Jagjit Singh, Sudarshan Faakir