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Créditos

INTERPRETAÇÃO
Tripti Shakya
Tripti Shakya
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Dhananjay Mishra
Dhananjay Mishra
Composição

Letra

मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
हाँ, मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
मैं तो गई थी जमुना तट पे
(मैं तो गई थी जमुना तट पे)
कान्हा खड़ा था री पनघट पे
(कान्हा खड़ा था री पनघट पे)
बड़ी मुझको री देर भई, अकेली पनिया गई
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
श्याम ने मेरी चुनरी झटकी
(श्याम ने मेरी चुनरी झटकी)
सर से मेरे गिर गई मटकी
(सर से मेरे गिर गई मटकी)
बैयाँ मेरी मरोर दई, अकेली पनिया गई
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
बड़ा नटखट है श्याम-साँवरिया
(बड़ा नटखट है श्याम-साँवरिया)
ढे डारी मेरी कोरी चुनरिया
(ढे डारी मेरी कोरी चुनरिया)
मेरी गागरिया फोर दई, अकेली पनिया गई
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
लाख कही पर एक ना मानी
(लाख कही पर एक ना मानी)
भरने ना दे वो मोहे पानी
(भरने ना दे वो मोहे पानी)
मारे लाज के मैं मर गई, अकेली पनिया गई
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
(मुरलीवाले ने घेर लई, अकेली पनिया गई)
Written by: Dhananjay Mishra
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