Créditos
INTERPRETAÇÃO
Bhupinder Singh
Interpretação
Mitali Singh
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Ravi Pawar
Composição
Harsh Brahmbhatt
Letra
Letra
ये खिलवतों में मैं मर ना जाऊँ
ये खिलवतों में मैं मर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
ये खिलवतों में मैं मर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
सितम उजालों का बढ़ रहा है
मैं अपने साए से डर ना जाऊँ
सितम उजालों का बढ़ रहा है
मैं अपने साए से डर ना जाऊँ
मैं अपने साए से डर ना जाऊँ
मैं अपने साए से डर ना जाऊँ
ये खिलवतों में मैं मर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
उठाया दस्त-ए-जुनूँ ने ख़ंजर
मैं अपनी जाँ से गुज़र ना जाऊँ
उठाया दस्त-ए-जुनूँ ने ख़ंजर
मैं अपनी जाँ से गुज़र ना जाऊँ
शराब-ख़ाने गया है वाइज़
मैं घर में रह लूँ, उधर ना जाऊँ
ये खिलवतों में मैं मर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
वो बेवफ़ा की गली तो क्या है
कभी मैं उसके शहर ना जाऊँ
वो बेवफ़ा की गली तो क्या है
कभी मैं उसके शहर ना जाऊँ
वो चारा-गर, मैं बीमार-ए-उल्फ़त
इलाज होते ही मर ना जाऊँ
ये खिलवतों में मैं मर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
मैं एक मुद्दत से जुटता हूँ
मैं पल झपकते बिखर ना जाऊँ
मैं एक मुद्दत से जुटता हूँ
मैं पल झपकते बिखर ना जाऊँ
तू अपनी आँखों को बंद कर ले
मैं आँसू बन के उभर ना जाऊँ
ये खिलवतों में मैं मर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
समुंदरों में उतर ना जाऊँ
Written by: Harsh Brahmbhatt, Ravi Pawar

