Letra
मैं ढूँढता हूँ जिनको रातों को ख़यालों में
वो मुझको मिल सके ना...
वो मुझको मिल सके ना सुबह के उजालों में
मैं ढूँढता हूँ जिनको रातों को ख़यालों में
सुहानी प्यार की बातें, मेरे दिलदार की बातें
कभी इक़रार की बातें, कभी इनकार की बातें
एक दर्द सा छुपा है दिल के हसीन छालों में
मैं ढूँढता हूँ जिनको रातों को ख़यालों में
जो यूँ बर्बाद होते हैं, वो कब आबाद होते हैं
दिल-ए-नाशाद होते हैं, वो एक फ़रियाद होते हैं
उलझा हुआ हूँ कब से...
उलझा हुआ हूँ कब से ग़म के अजीब जालों में
मैं ढूँढता हूँ जिनको...
Writer(s): Sajan Dehlvi, Shamji Shamji, Ghanshamji
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