Créditos

INTERPRETAÇÃO
Vanita Mishra
Vanita Mishra
Vocais principais
Gauri Bapat
Gauri Bapat
Interpretação
Gurpreet Kaur
Gurpreet Kaur
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
R.D. Burman
R.D. Burman
Composição
Gulzar
Gulzar
Composição
PRODUÇÃO E ENGENHARIA
R.D. Burman
R.D. Burman
Produção

Letra

[Verse 1]
लकड़ी कि काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 2]
लकड़ी कि काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 3]
लकड़ी कि काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 4]
घोड़ा पहुँचा चौक में चौक में था नाई
घोड़ेजी की नाई ने हजामत जो बनाई
तकबक तकबक तकबक तकबक
[Verse 5]
घोड़ा पहुँचा चौक में चौक में था नाई
घोड़ेजी की नाई ने हजामत जो बनाई
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 6]
लकड़ी कि काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 7]
घोड़ा था घमंडी पहुँचा सब्जी मंडी
सब्जी मंडी बरफ पड़ी थी
बर्फ में लग गई ठंडी
तकबक तकबक तकबक तकबक
[Verse 8]
घोड़ा था घमंडी पहुँचा सब्जी मंडी
सब्जी मंडी बरफ पड़ी थी
बर्फ में लग गई ठंडी
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 9]
लकड़ी कि काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 10]
घोड़ा अपना तगड़ा है देखो कितनी चरबी है
चलता है महरौली में पर घोड़ा अपना अरबी है
घोड़ा अपना तगड़ा है देखो कितनी चरबी है
चलता है महरौली में पर घोड़ा अपना अरबी है
बांह छुड़ा के दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
[Verse 11]
लकड़ी कि काठी काठी पे घोड़ा
घोड़े की दुम पे जो मारा हथौड़ा
दौड़ा दौड़ा दौड़ा घोड़ा दुम उठा के दौड़ा
Written by: Gulzar, R.D. Burman
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