Créditos
INTERPRETAÇÃO
Mohammed Rafi
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Shankar - Jaikishan
Composição
Hasrat Jaipuri
Composição
PRODUÇÃO E ENGENHARIA
Shankar - Jaikishan
Produção
Letra
फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार ना किया, तुमने इंतज़ार ना किया
फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार ना किया, तुमने इंतज़ार ना किया
ख़ूबसूरत हो, मगर प्यार के अंदाज़ नहीं
ये कमी है कि तुम्हारा कोई हमराज़ नहीं
दिल में जब दर्द नहीं, बात बनेगी कैसे?
साज़ छेड़ा भी, मगर प्यार की आवाज़ नहीं
फ़लसफ़ा, फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार ना किया, तुमने इंतज़ार ना किया
कैसे समझाऊँ ये नाज़ुक सा फ़साना तुमको?
ये वो मंज़र है जो महसूस हुआ करता है
रहती दुनिया में वही रहता है मर कर ज़िंदा
प्यार के नाम पे जो जान दिया करता है
फ़लसफ़ा, फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार ना किया, तुमने इंतज़ार ना किया
प्यार शीरीं ने किया, प्यार ही लैला ने किया
प्यार मीरा ने किया, प्यार ही राधा ने किया
प्यार हर रंग में लोगों को सज़ा देता है
प्यार के पर्दे में हम सबका ख़ुदा रहता है
फ़लसफ़ा, फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
फ़लसफ़ा प्यार का तुम क्या जानो
तुमने कभी प्यार ना किया, तुमने इंतज़ार ना किया
तुमने कभी प्यार ना किया, तुमने इंतज़ार ना किया
Written by: Hasrat Jaipuri, Shankar - Jaikishan

