Letra

क्या मौसम है ए दीवाने दिल अरे चल कहीं दूर निकल जाएँ चल कहीं दूर निकल जाएँ कोई हमदम है चाहत के काबिल तो किस लिए हम संभल जाएँ चल कहीं दूर निकल जाएँ झूमके जब जब कभी दो दिल गाते हैं चार कदम चलते हैं फिर खो जाते हैं ऐसा है तो खो जाने दो मुझको भी आज ये क्या कम है दो पल को राही अरे मिल जाए बहल जाएँ चल कहीं दूर निकल जाएँ ये मस्तियाँ, ये बहार, दिल हो चला बेक़रार मैं गिरता हूँ मुझे थाम लो भीगे लबों से मेरा नाम लो दुनिया को अब दो नज़र क्यूँ आए हम इतने करीब आओ के एक हो जाएँ हम के एक हो जाएँ हम, के एक हो जाएँ हम, के एक हो जाएँ खोए से हम खोई सी मंज़िल अच्छा है संभल जाएँ चल कहीं दूर निकल जाएँ अच्छा है संभल जाएँ चल कहीं दूर निकल जाएँ अच्छा है संभल जाएँ
Writer(s): Majrooh Sultanpuri, Nagrath Rajesh Roshan Lyrics powered by www.musixmatch.com
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