Créditos
INTERPRETAÇÃO
Samir Date
Interpretação
Dipalee Date
Interpretação
COMPOSIÇÃO E LETRA
Kabir Das
Composição
Letra
माया मन की मोहिनी, सुर-नर रहे लुभाय
माया मन की मोहिनी, सुर-नर रहे लुभाय
इन माया सब खाईया, माया कोय ना खाय कबीरा
...माया कोय ना खाय
माया मन की मोहिनी, सुर-नर रहे लुभाय
इन माया सब खाईया, माया कोय ना खाय कबीरा
...माया कोय ना खाय
कबीर कहते हैं कि माया में अद्भुत जादू है
इसका जादू सबके मन को मोह लेता है
देवता, मुनि, मनुष्य सब इसके लालच में फँस जाते हैं
माया के चंगुल में जो भी फँसता है, नष्ट हो जाता है
फिर भी कोई चाहकर भी माया का कुछ नहीं बिगाड़ पाया
माया जस की तस है
Written by: Kabir Das, Samir Date

