Letra

तुम नज़र में रहो ख़बर किसी को ना हो आँखें बोलें हो लब पे ख़ामोशी आँखें बोलें हो लब पे ख़ामोशी तुम चलो जिस डगर वो मेरी राहगुज़र आँखें बोलें हो लब पे ख़ामोशी आँखें बोलें हो लब पे ख़ामोशी दूरियाँ कम कर दे प्यार का अम्बर दे ज़ुल्फ़ों का वो आसमन बस आँखों पे मेरी हो तमाम सुबह सुबह ये बात हो नज़र मिले ज़रा ज़रा रात हो खुले मौसम तुम नज़र में रहो ख़बर किसी को ना हो आँखें बोलें हो लब पे ख़ामोशी आँखें बोलें हो लब पे ख़ामोशी
Writer(s): Niladri Kumar, Irshad Kamil Lyrics powered by www.musixmatch.com
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