Letra

तराज़ू के बस दो थाल हैं एक ओर हम दूजे में ख़्वाब हैं ज़िंदगी ये परेशान है गनीमत है तू है यहाँ जीने में आए मज़ा खरीदा नहीं जाता ख़्वाब है किराया भी ऐसा लाजवाब है ज़िंदगी ये परेशान है गनीमत है तू है यहाँ जीने में आए मज़ा तू जो मिला जागा ख़्वाब है खोयी हुई मेरी किताब है मुस्काया सा आदाब है जीने में आए मज़ा सुस्ताये मौसम आबाद हैं हवाओं के रुख हमसे नाराज़ हैं ज़िंदगी ये परेशान है गनीमत है तू है यहाँ जीने में आए मज़ा तू जो मिला छिड़ा साज़ है ख़ामोशी को मिली आवाज़ है बहती हवा सा एहसास है जीने में आए मज़ा बिगड़ा हुआ हिसाब है थोड़ा नफ़ा, थोड़ा नुकसान है ज़िंदगी ये परेशान है गनीमत है तू है यहाँ जीने में आए मज़ा
Writer(s): Mikey Mccleary, Ankur Tewari Lyrics powered by www.musixmatch.com
instagramSharePathic_arrow_out